Tag: poetry
-
राजनीति के रंग
राजनीति का खेल निरालानेताओं का चक्कर झाला अजब गजब है नियम पकड़ेखुद ही बनायें और बिगाड़े सब में एक चौकीदार निराला सबको भगवा में रंग डालाबाइडेन कहे तू मेरा प्यारापुतिन कहे है दोस्त हमारा पप्पू के तो कहने ही क्या राजनीति को समझ न पायाविपक्ष का खेमा ही डुबाया किसी सवाल का जवाब न पाया…
-
Evening
Rivers and drains have become silent,The birds are back to their nest,The Sun is playing hide and seek,Reflection of which can be seen in water Evening is supine,The red shade of memories have gone dark,The sound of blowing Conch from the temples could be heard,The flame of lamps have turned golden The hoofs of returning…
-
Phoenix
You know?Who is inside you my dear phoenixcarved out of the fireStitched with the iceThe one who will fulfill my loveThe one who will care for mydesiresWhy is He scaredScared of the fierce wingsOr theRainbow feathers .. Jyotsna
-
हिंदी दिवस
माँ वसुधा के माथे की बिंदी भारत के रज कण में बसती माँ वसुंधरा के माथे की बिंदी जनमानस के ह्रदय में रमती आर्यव्रत अभिदान है “हिंदी” राजभाषा हुई यह घोषित विश्व पटल पर मान बढ़ाया निज गौरव अभिमान हमारा हिंदी हैं हम, वतन है “हिन्दुस्तान हमारा” ज्योत्स्ना “निवेदिता”
-
I am
I am .. I am, what I am ? I am , what I am… I am , Who I am ? I am ,Who I am … I am , I want to be ? I am , I want to be .. I am, I will be ? I am…
-
छलिया
मैं मीरा बन तड़प रही , वो गोपियों संग रचाए रास, दूर बसी क्यूँ मीरा भाए ? जब रहते राधा के पास ; मैं प्रेम में जोगन बनी , उनके मन को गोपी ही भाए । मैं उनका नाम रटते नहीं थकती , उनको मेरा नाम नहीं भाए । पूजूँ नित प्रातःनिशि मध्याह्न , पर…
-
मेरा कृष्ण
चिर अंधेरों को चीरते हुए उस रोशनी के पीछे भागते चले जा रहे हैं , जो वाक़ई है ही नहीं , रेगिस्तान में प्यासे को मृगमरिचिका हो ज्यों । वैसे ही मात्र एक भ्रम ज़िंदगी का , कैसा खेल है यह .. एक खेल जहाँ कौन मंत्री कौन प्यादा नहीं मालूम .. कौन रानी कौन…
You must be logged in to post a comment.