जाने क्यों सब इतने कड़वे हो चले हैं,
करेला- नीम भी मीठे लगने लगे हैं,
क्या बदल मैं गई ? या वो बदल गए हैं?
सत्य यह है कि बदल हम सब गए हैं,
सब लड़ रहे हैं , गर्व है हम लड़ लिए हैं ,
न स्वयं से न अहम से अपितु स्वजनों से,
जो स्व थे अब जन हैं और लड़ रहे हैं ।। #निवेदिता
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