हिंदी दिवस पे मेरी मातृ भाषा को मेरी छोटी सी कृति समर्पित हिंदुस्तान के रहने वालो हिंदी अपनी बोली
अंग्रेजी के पीछे भागें हिंदी की हिंदी होली
पाठ मास्टर ने जो सिखलाया उसको भूलगये हैं
ABCD जाने सभी कोई अ आ याद नही हैं
हिंदी को ही नीचा देखें खाना यहीं पे खाके ,
ऐसे बाबू जेंटल मैन हरदम झूठी शान ही हांकें।
भावनाओं का क़त्ल हुआ है संवेदना हुई विहफल
थैंकू ,सॉरी ,प्लीज हैं मुंह पे मायने हैं इनके खोखल
संस्कृत जिसकी जननी है वह हिंदी इतनी बलवान
सीखें सारी भाषायें पर न भूलें मातृ भाशा का ज्ञान
हिंदी पे बिंदी न जड़ दें रखें इसका ध्यान
गौरवान्वित हूँ में रहे सभीको यह भान
हिंदी मेरी भाषा है और मेरी हिंदी महान। …. ” निवेदिता ”
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